गुरु नानक जयंती 2023:उनके 554वें जन्मदिन के अवसर पर गुरु नानक देव जी की प्रेरक बातें

गुरु नानक जयंती 2023: गुरु नानक देव जी के 554वें जन्मदिन के उपलक्ष्य में, आइए आपकी आत्मा को उज्ज्वल करने वाली उनकी कुछ ज्ञानवर्धक बातों पर विचार करें।

गुरु नानक जयंती, जिसे जल्द ही गुरु नानक का प्रकाश उत्सव या नानक देव जी गुरुपर्व भी कहा जाता है। दस सिख गुरुओं में से पहले और सिख धर्म के संस्थापक गुरु नानक देव जी की जयंती पर मनाया जाने वाला यह दिन सिख कैलेंडर के सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है। इस शुभ अवसर का जश्न मनाने के लिए, सिख धर्म की पवित्र पुस्तक, गुरु ग्रंथ साहिब का पाठ किया जाता है, आध्यात्मिक बैठकें आयोजित की जाती हैं, और महान भक्ति का अभ्यास किया जाता है।

गुरु नानक जयंती 2023:यह दिन न केवल गुरु नानक देव जी के मार्गदर्शन और शिक्षाओं का स्मरण कराता है, बल्कि यह सिख दर्शन के तीन मुख्य सिद्धांतों: सद्भाव, समानता और निस्वार्थता के लिए उत्प्रेरक के रूप में भी कार्य करता है। जैसा कि हम गुरु नानक देव जी का 554वां जन्मदिन मना रहे हैं, आइए उनकी कुछ प्रेरक बातों पर विचार करें।

गुरु नानक जयंती 2023

गुरु नानक जयंती 2023:गुरु नानक देव जी के प्रेरक बातें

“सांसारिक प्रेम को जलाओ, राख को रगड़ो और उसकी स्याही बनाओ, हृदय को कलम बनाओ, बुद्धि को लेखक बनाओ, वह लिखो जिसका कोई अंत या सीमा नहीं है।”

ईश्वर एक ही है। उसका नाम सत्य है; वह सृष्टिकर्ता है। वह किसी से नहीं डरता; वह घृणा रहित है। वह कभी नहीं मरता; वह जन्म और मृत्यु के चक्र से परे है। वह स्वयं प्रकाशित है।”

“यदि लोग ईश्वर द्वारा प्रदत्त धन का उपयोग केवल अपने लिए या उसे संजोकर रखने के लिए करते हैं, तो यह एक लाश के समान है। लेकिन यदि वे इसे दूसरों के साथ साझा करने का निर्णय लेते हैं, तो यह पवित्र भोजन बन जाता है।”

“केवल मूर्ख ही बहस करते हैं कि मांस खाना चाहिए या नहीं। वे सत्य को नहीं समझते हैं, न ही उस पर ध्यान करते हैं। कौन परिभाषित कर सकता है कि मांस क्या है और पौधा क्या है? कौन जानता है कि पाप कहाँ है, शाकाहारी होना या गैर- शाकाहारी?”

“सबसे बड़ी सुख-सुविधा और स्थायी शांति तब प्राप्त होती है जब कोई अपने भीतर से स्वार्थ को मिटा देता है।”

“किसी भी प्रकार का बीज उचित मौसम में तैयार करके खेत में बोया जाता है, उसी प्रकार का एक पौधा, बीज के विशिष्ट गुणों से युक्त, उसमें उगता है।”

“रस्सी की अज्ञानता के कारण रस्सी साँप प्रतीत होती है; स्वयं की अज्ञानता के कारण स्वयं के व्यक्तिगत, सीमित, अभूतपूर्व पहलू की क्षणिक स्थिति उत्पन्न होती है।”

“यहाँ तक कि राजा और सम्राट, जिनके पास संपत्ति के पहाड़ और धन का सागर है – ये उस चींटी के बराबर भी नहीं हैं, जो भगवान को नहीं भूलती है।”

“बच्चों का उत्पादन, पैदा हुए बच्चों का पालन-पोषण और पुरुषों का दैनिक जीवन, इन मामलों में स्पष्ट रूप से महिला ही कारण है।”

“प्रभु के लिए खुशी के गीत गाओ, प्रभु के नाम की सेवा करो, और उसके सेवकों के सेवक बनो।”

संत गुरुनानक जी की कथा

गुरु नानक: एक आध्यात्मिक दीपक

गुरु नानक, जिन्हें सिख धर्म का पहला गुरु माना जाता है, एक महान आध्यात्मिक और समाज सुधारक थे। उनका जन्म 15 अप्रैल 1469 को हुआ था और उनका योगदान भारतीय समाज को एक नए दिशा देने में था। गुरु नानक का जीवन और उनके उपदेश आध्यात्मिकता, समरसता, और मानवता के मूल्यों की प्रेरणा से भरा हुआ है। इस 1000-शब्दीय लेख में, हम गुरु नानक के जीवन, उनके उपदेश, और उनके सामाजिक कार्यों की विस्तृत चर्चा करेंगे।

गुरु नानक का जीवन

गुरु नानक का जन्म पंजाब के तालवंगा गाँव में हुआ था। उनके माता-पिता, मेता कालु और त्रिप्ता, ने उन्हें एक ईमानदार और धार्मिक परंपरागत परिवार में पला बढ़ाया। बचपन से ही गुरु नानक में आध्यात्मिक रूप से उत्कृष्टता की प्रवृत्ति दिखाई दी।

एक दिन, गुरु नानक ने बाबा लालो नामक ब्राह्मण के साथ एक बातचीत में प्रवृत्ति की और उन्होंने उनसे एक उदाहरण सुनाया जिससे यह सिद्ध हुआ कि ईश्वर सभी मनुष्यों में हैं और वे न केवल एक जाति या वर्ग को ही स्वीकार करते हैं।

गुरु नानक जयंती 2023:गुरु नानक के उपदेश

गुरु नानक के उपदेश विश्व को एकता, प्रेम, और धर्मिकता की ओर मोड़ने में मदद करते हैं। उनकी शिक्षाएं ‘एक ओंकार’ और ‘नाम जाप’ पर केंद्रित थीं, जो अनंत, निर्गुण, निराकार परमात्मा की अद्वितीयता को संकेत करती हैं। गुरु नानक ने यह सिखाया कि सभी मनुष्य बराबर हैं और उन्हें सभी को एक ही परमात्मा की दिशा में चलना चाहिए।

उनके उपदेशों में यह भी शामिल है कि सेवा, दान, और दिनचर्या भी महत्वपूर्ण हैं। गुरु नानक ने समाज को उत्कृष्टता की ओर प्रवृत्ति किया और उनके अनुयायियों को सामाजिक न्याय और समरसता के प्रति आग्रह दिया।

गुरु नानक जयंती 2023

गुरु नानक के सामाजिक कार्य

गुरु नानक जयंती 2023:गुरु नानक के समाज में सुधार के प्रति उनकी भावना को देखकर, उन्होंने लंगर (खुले भंडारे) की स्थापना की। यह एक ऐसी सामाजिक प्रथा थी जिसमें सभी अन्नदाता बिना किसी भेदभाव के एक साथ बैठकर भोजन कर सकते थे। इससे समाज में समरसता और सामंजस्य बढ़ी, और लोग एक दूसरे के साथ मिलजुलकर रहने का अनुभव कर सकते थे।

गुरु नानक ने यात्राएँ कीं और विभिन्न स्थानों पर जाकर अपने सिखों को सिखाया। उन्होंने लोगों को धर्मिकता के माध्यम से जोड़ा, और उन्हें बताया कि सच्चे धर्म का मतलब अच्छे कर्म करना है।

गुरु नानक के दरबार में समय बिताने वाले उनके अनुयायियों को उनका अद्भुत संगीत भी सुनने को मिलता था। गुरु नानक खुद भी एक कवि और संगीतकार थे और उनके बानियां और शब्द काव्य आज भी सिखों के धार्मिक ग्रंथ ‘गुरुग्रंथ साहिब’ में मिलते हैं।

गुरु नानक की शिक्षाएं सिर्फ एक विशेष धर्म तक ही सीमित नहीं रहीं, बल्कि उन्होंने सभी मानवता को एक मानव परिवार के रूप में देखा। उनके उपदेशों में एकता, समरसता, और प्रेम की बातें समाहित हैं जो आज भी हमें एक बेहतर जीवन की दिशा में मार्गदर्शन करती हैं।

गुरु नानक जयंती 2023

गुरु नानक की महिमा

गुरु नानक जयंती 2023:गुरु नानक की महिमा उनके आध्यात्मिक दृष्टिकोण और सामाजिक सुधारों में है। उन्होंने सिख धर्म की नींव रखी और उसे आगे बढ़ाने के लिए अपने अनुयायियों को प्रेरित किया। उनकी शिक्षाएं भारतीय समाज में समरसता, भाईचारा, और सच्चे धर्म के मूल्यों को पुनर्स्थापित करने में मदद करती हैं।

गुरु नानक के उपदेशों ने सिख समुदाय को एक एकाधिकारी और सशक्त समुदाय बनाने की दिशा में कदम बढ़ाया। उनके अनुयायियों ने उनकी शिक्षाओं का पालन करते हुए अपने समाज को समृद्धि, शिक्षा, और सामाजिक न्याय में सुधार करने का कार्य किया।

निष्कर्ष

गुरु नानक ने अपने जीवन से एक सच्चे धर्म और मानवता के प्रति अपने प्रतिबद्धता का परिचय किया। उनके उपदेशों ने सिख समुदाय को एक सजीव, समर्थ, और आदर्श समाज बनाने की दिशा में प्रेरित किया। गुरु नानक की शिक्षाएं आज भी हमें सत्य, समरसता

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